ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि मुंबई की बिजली व्यवस्था विदेशी कंपनी के हाथ जा सकती है, आइए जानते हैं…
मुंबई में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था प्राइवेट कंपनियों के हाथ में है. शहर के एक बड़े हिस्से में अदाणी समूह की एक कंपनी बिजली आपूर्ति करती है. अदाणी ग्रुप के लगातार पिटने के बाद यह आशंका जताई जाने लगी है कि मुंबई की बिजली व्यवस्था अब किसी विदेशी कंपनी के हाथ में जा सकती है.
विदेशी कंपनियों से अदाणी ने जुटाया धन
दरअसल ‘अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई’ ने फरवरी, 2020 में निवेशकों से पैसे जुटाए थे. इन निवेशकों में चीन की इकाइयों समेत कई एशियाई निवेशक शामिल थे. इन निवेशकों से अदाणी इलेक्ट्रिसिटी, मुंबई ने 1 अरब डॉलर की राशि बतौर विदेशी कर्ज के तौर पर हासिल की. कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि विदेशी ऋणदाताओं के पास ‘अडाणी इलेक्ट्रिसिटी’ के ट्रांसमिसन और वितरण लाइसेंस के अधिकार भी हैं. ये अधिकार महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने दिए थे.
मुंबई का भविष्य दाव पर
देश की वित्तीय राजधानी मुंबई की बिजली व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है. पहले आपूर्ति व्यवस्था अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दी गई. रिलायंस इन्फ्रा के बर्बाद होने पर अदाणी ग्रुप ने इस व्यवस्था का नियंत्रण अपने हाथ में लिया. कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के महज 18 महीने बाद फरवरी 2020 में अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (एईएएमएल) ने सीनियर सिक्योर्ड नोट्स से 1 अरब डॉलर जुटाए, जिसकी गिरवी की शर्तें डरा रही हैं.
कर्ज भुगतान न करने पर वितरण की जिम्मेदारी विदेशी कर्जदाताओं के हाथ
जयराम रमेश ने सरकार से जानना चाहा है कि अदाणी समूह पर वित्तीय दबाव को देखते हुए सरकार क्या कर रही है. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रही है कि मुंबई में बिजली वितरण की जिम्मेदारी विदेशी कर्जदाताओं के हाथ में न चली जाए? कांग्रेस नेता ने पूछा है कि अगर मु्ंबई के ज्यादातर घरों में बिजली की आपूर्ति करने वाली ‘अडाणी इलेक्ट्रिसिटी’ विदेशी कर्ज का भुगतान समय पर नहीं कर पाती है, तो क्या होगा?
शहर की मांग का 66 प्रतिशत बिजली देता है अदाणी ग्रुप
एईएमएल का दावा है कि वह शहर के अधिकतर हिस्से के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली देता है और कुल 66 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति करता है। इसकी वजह ये यह समूह देश की वित्तीय राजधानी की जीवन रेखा बन गया है. अगर भुगतान में चूक होती है तो आपूर्ति में व्यवधान आने का डर है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक वह मुंबई उपनगरीय इलाके के 29 लाख ग्राहकों को बिजली आपूर्ति कर रही है और आपूर्ति व्यवस्था 400 वर्ग किलोमीटर में फैली है.
सिंगापुर में सूचीबद्ध
टेलीग्राफ की एक खबर के मुताबिक फरवरी 2020 में एईएमएल ने 1 अरब डॉलर के सीनियर सिक्योर्ड नोट जारी किए थे, जिसका कूपन 3.949 प्रतिशत है. यह सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है.
इस कर्ज की शर्तों के बारे में साफतौर पर जानकारी नहीं है, क्योंकि एईएमएल गैर सूचीबद्ध कंपनी है. इसका मतलब यह है कि मुंबई शहर, इसके फाइनैंशिलय रेगुलेटर, फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशंस, बैंक और मार्केट प्राधिकारी संभवतः उस बिजली व्यवस्था के बारे में नहीं जानते, जिसका वह इस्तेमाल कर रहे हैं.
उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ रही है कीमत
कांग्रेस ने बिजली क्षेत्र में अदाणी समूह के कारोबार से जुड़ी कथित ‘धोखाधड़ी’ को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि यह व्यावसायिक समूह आम उपभोक्ताओं की कीमत पर भारतीय जनता पार्टी की चुनावी किस्मत चमका रहा है. रमेश ने अपने सवालों की श्रृंखला ‘हम अडाणी के हैं कौन’ के तहत पिछले कई दिनों की तरह 7 मार्च 2023 को भी प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से कुछ प्रश्न किए. उन्होंने आरोप लगाया कि अदाणी समूह भारतीय उपभोक्ताओं की कीमत पर भाजपा की चुनावी किस्मत चमका रहा है. कांग्रेस अमेरिकी शॉर्ट सेलर ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट के बाद से अदाणी समूह और प्रधानमंत्री पर हमले कर रही है.
Game iѕ an enormous amoսnt off fun. Yoս ccan ᥙse power ups to enhance the experience, аnd tһey
alѡays seem to have seconmdary or еvеn tertiaryy games going on thе siɗe.
The support waѕ excellent ɑnd quock ᴡhen I һad issues,
еven witһ all ⲟf thiѕ pandemic nonsense.
It’ѕ a ցreat way to pass tһe timе.
Great slot game ᴡith no issues soo fаr. I’ve Ƅeen playing it ߋn my phone f᧐r numƄer of үears.
Τhank you for an excellent game tо passs the time